उम्मीद से बालनाहटा…

गलत मत समझ लेना बालनाहटा उस उम्मीद से नहीं हैं…बल्कि उनकी उम्मीद रोहडू में होने वाले उप-चुनाव को लेकर है. उन्हें लगता है की इस बार वोह जरूर जीतेंगे. कारण कई हैं…मसलन वीरभद्र मुकाबिल नहीं होंगे…अपनी सरकार है….आदि-आदि..

लेकिन सबसे बड़ी वजह हैं वीरेन्द्र कश्यप और उनके लिए किया गया यज्य .

आपको याद होगा इसी कालम में हमने कश्यप के लिए बालनाहटा द्वारा दीपकमल में यज्य की बात बताई थी. अब खुशीराम यह सोच कर खुश हैं की उसी यज्य के चलते कश्यप जीते तो फिर उसका फल उन्हें भी जरूर मिलेगा क्योंकि यज्य तो उन्होंने ही करवाया था. बात भी सही है.इसलिए जनाब उम्मीद से हैं. और यह उम्मीद इतनी ज्यादा है की जनाब को अतिविश्वास हो गया है.

तभी तो चुनाव क्षेत्र मैं भयंकर अग्निकांड होने के बाबजूद उन्होंने शिमला से ही काम चलाये रखा. यह तो बुरा हो वीरभद्र सिंह का जिन्होंने प्रभावित गाँव में जाकर कंबल बाँटकर बालनाहटा को रजाई से बाहर निकलने को मजबूर कर दिया. खैर जिक्र हो रहा था उनकी उम्मीद का तो भला हमें क्या ऐतराज आखिर उम्मीद पर दुनिया टिकी है…हमें शंका है तो सिर्फ इतनी की कहीं यह उम्मीद “छाया धारण “साबित न हो…छाया धारण नहीं समझे…वही जिसे अंग्रेजी में फाल्स प्रेगनेंसी कहते हैं.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *


This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.