हिमाचल में इन दिनों सरकार के à¤à¤• बड़े साहब के छोटे पी ठचरà¥à¤šà¤¾ का विषय बने हà¥à¤ हैं. वैसे तो साहबों के पी ठपहले से ही सà¥à¤ªà¤° बॉस माने जाते हैं लेकिन बीते à¤à¤• साल में इन महाशय का जितनी तेज़ी से कायाकलà¥à¤ª हà¥à¤† है उतना तो शांता जी के “कायाकलà¥à¤ª ” में à¤à¥€ नहीं होता है.
जनाब जब तक पी ठनहीं थे तब तक सà¥à¤µà¥‡à¤¦à¥‡à¤¶à¥€ जागरण मंच की नीति के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° खादी वरण करते थे लेकिन आजकल पà¥à¤°à¤¿à¤‚गल पहनने लगे हैं. साल à¤à¤° पहले इस कदर फाकपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥€ का दौर उनपर à¤à¤¾à¤°à¥€ था कि खाने का समय होते ही परिचितों के घर टपक कर तृपà¥à¤¤ होते थे पर अब पूरी टोली के साथ मंहगे रेसà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤‚ में दोपहर और शाम का खाना खाते हैं.
यही नहीं आजकल जनाब को मंहगे मोबाइल रखने का शौक à¤à¥€ चढ़ आया है. इनके साहब जो बड़े पी ठहैं के पास अà¤à¥€ à¤à¥€ 1200 रू. वाला मोबाइल है ,पर इन साहब के पास आजकल तीन-तीन मोबाइल हैं और सà¤à¥€ बà¥à¤²à¥ˆà¤•à¤¬à¥‡à¤°à¥€ के बेशकीमती सेट हैं.
जाहिर है छोटे पी ठसाहब के चौतरफा चरà¥à¤šà¥‡ हैं. अब देखना यह है कि अपने इस शौक पर यह जनाब सरकार का कà¥à¤¯à¤¾-कà¥à¤¯à¤¾ कà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾à¤¨ करते हैं..?.आख़िर आगे चलकर छोटे पी ठके यह शौक बड़े साहब को ही मंहगे पड़ेंगे.
Born in 1971 at Hamirpur, Sanjeev has been a freelancer initially. He was the sub-editor of Ajit Samachar HIMACHAL EDITION at Jalandhar for 3 years when he shifted to Broadcast journalism with Nalini Singh’s famous AANKHON DEKHI. In 1998, he joined ZEE NEWS as a reporter for Shimla, joining MH-1 News in January 2007.
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