शिखर पर रहने की चाह सबके मन में रहती है चाहे वो खरा न à¤à¥€ हो, खरखराहट ही करता हो। खरखराहट करते हà¥à¤ à¤à¥€ ऊपर की ओर बढ़ते जायेंगे। शिखर की ओर चढ़ना यानी ऊंचाई ही विकास है। विकास पà¥à¤°à¤¤à¥â€à¤¯à¥‡à¤• करना चाहता है पर विकास जो ऊपर à¤à¥‡à¤œà¤¤à¤¾ हो, उससे सब बचते हैं। ऊपर जाने की चाह तो है पर उपर जाना नहीं चाहते हैं।
उपर जायें à¤à¥€ और नीचे à¤à¥€ रह जायें मतलब गà¥à¤œà¤° जायें सब पायदानों से परनà¥â€à¤¤à¥ रहें पृथà¥â€à¤µà¥€ पर ही। पर à¤à¤²à¤¾ कà¥â€à¤¯à¤¾ à¤à¤¸à¤¾ होना पॉसीबल है ? पबà¥à¤²à¤¿à¤• की इन खà¥â€à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¶à¥‹à¤‚ को पूरा करने के लिठही लगता है बà¥à¤°à¥à¤œ दà¥à¤¬à¤ˆ इमारत का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हà¥à¤† पर आप इसे मीठी इमरती न समà¤à¥‡à¤‚। आप सब परिचित ही होंगे इमरती जलेबी के कà¥à¤¨à¤¬à¥‡ से है और मà¥à¤‚ह में पानी की गंगा बहाने के लिठखूब कà¥à¤–à¥â€à¤¯à¤¾à¤¤ है। डायबिटीज होते हà¥à¤ à¤à¥€ बंदा à¤à¤• आध पीस तो खा ही लेता है।
आखिर दाल की बनाई जाती है यह मिठाई और इसे खाने से आदमी को अपने आम होने का अहसास बना रहता है। आपने सà¥à¤¨à¤¾ ही है न, दाल रोटी खाओ और पà¥à¤°à¤à¥ के गà¥à¤£ गाओ। पर आजकल दाल की कीमतें à¤à¥€ बà¥à¤°à¥à¤œ दà¥à¤¬à¤ˆ से कंपीटिशन करती पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होती हैं। दाल खाने की कोशिश करी तो पà¥à¤°à¤à¥ का नाम à¤à¥‚ल जायेंगे और पà¥à¤°à¤à¥ का नाम लेने की कोशिश की तो दाल का à¤à¤• दाना तक नहीं हासिल होगा। मà¥à¤à¥‡ तो यह à¤à¥€ महसूस हो रहा है कि दाल के बढ़ते रेट के दà¥à¤– कम करने के लिठही बà¥à¤°à¥à¤œ दà¥à¤¬à¤ˆ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हà¥à¤† है। कà¥â€à¤¯à¤¾ आपको लगता है कि बà¥à¤°à¥à¤œ दà¥à¤¬à¤ˆ दालों की कीमतों के मामले में दालों से जीत पाà¤à¤—ी। आम आदमी का अनà¥à¤à¤µ तो à¤à¤¸à¤¾ ही है जबकि खास का तो खास ही होगा उसे आम पबà¥à¤²à¤¿à¤• से कà¥â€à¤¯à¤¾ सरोकार ?
दालों की कीमतों से कंपीटिशन में à¤à¤²à¥‡ ही बà¥à¤°à¥à¤œ दà¥à¤¬à¤ˆ विजयी न हो पाये परनà¥â€à¤¤à¥ ऊपर बने रहने के बहà¥à¤¤ से लाठहैं, इन लाà¤à¥‹à¤‚ से ऊपर रहने वाला ही परिचित होता है नीचे वाला इन सà¥à¤–ों की कलà¥â€à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¥€ नहीं कर सकता। इतनी ऊपर की बिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚गों में न तो सेलà¥â€à¤¸à¤®à¥ˆà¤¨ और न ही à¤à¤¿à¤–ारी आते हैं। आते à¤à¥€ होंगे तो नीचे ही अपनी कमाई करके लौट जाते होंगे। उपर वालों को तो खरोंच à¤à¥€ नहीं आती होगी। लà¥à¤Ÿà¥‡à¤°à¥‡ à¤à¥€ इतनी ऊपर जाने में कतराते हैं कि जितनी देर में ऊपर वाले के पास पहà¥à¤‚चेंगे उतनी देर में नीचे वाले खूब सारों को लूट लेंगे।
ऊपर रहने में सिरà¥à¤« लाठही लाठहों à¤à¤¸à¤¾ à¤à¥€ नहीं है। अब à¤à¤²à¤¾ इतनी ऊंचाई पर दà¥à¤•à¤¾à¤¨ कौन खोलना चाहेगा, किसी ने खोल à¤à¥€ ली तो खरीदारी करने कौन आà¤à¤—ा। सेलà¥â€à¤¸à¤®à¥ˆà¤¨ à¤à¥€ अपने सामान के पà¥à¤°à¥‹à¤®à¥‹à¤¶à¤¨ के लिठवहां जाने से कतरायेंगे। सारे जगत में संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ तलाशने वाले सेलà¥â€à¤¸à¤®à¥ˆà¤¨à¥‹à¤‚ के लिठयह ऊंचाई की इंतहा होगी। सब जगह जीतने का जजà¥â€à¤¬à¤¾ रखने वाले सेलà¥â€à¤¸à¤®à¥ˆà¤¨ यहां पर आने से कतरायेंगे। कतरा कतरा हो जायेंगे पर आप उतनी उपर जाने के लिठकतार नहीं पायेंगे। चींटियां जिनकी मिसाल दी जाती है कि वे मंजिल पाने के लिठकोशिश ही करती रहती हैं, वे à¤à¥€ उतनी ऊपर नहीं पाई जाती हैं।
इतनी ऊंची बिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग है इसलिठबिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग पर सीढि़यों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ चढ़ने और उतरने की दिलचसà¥â€à¤ª पà¥à¤°à¤¤à¤¿â€à¤¯à¥‹à¤—िता आरंठकी जा सकती है। कूदने की नहीं, कूदने में जोखिम जà¥â€à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ हैं ? उतरने में पà¥à¤°à¤¥à¤® आने वाले से जब पूछा जायेगा कि पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ कहां से मिली तो वो पलटकर पूछेगा कि पहले यह बतलाओ कि धकà¥â€à¤•à¤¾ किसने दिया था ?
यदि इस बिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग में सीढि़यां न बनाई गई होंती तो अपने सà¥â€à¤¥à¥‚ल शरीर और मोटापे को लेकर परेशान रहने वाले इसमें रहने के लिठकà¤à¥€ विचार à¤à¥€ नहीं करते और इससे इस बिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग के फà¥à¤²à¥ˆà¤Ÿà¥‹à¤‚ की कीमतों में à¤à¤¾à¤°à¥€ गिरावट पाई जाती। कम रेट पर फà¥à¤²à¥ˆà¤Ÿ बिकने के लिठउपलबà¥â€à¤§ रहने के कारण इसे गरीबों की बसà¥â€à¤¤à¥€ à¤à¥€ कहा जा सकता था।
इस बिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग में रहने वालों को होम डिलीवरी की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ या तो मिलेगी ही नहीं और अगर मिली à¤à¥€ तो जितनी कीमत वसà¥â€à¤¤à¥ की नहीं, उससे अधिक उसे मंगवाने के लिठखरà¥à¤šà¤¾ करना होगा। कंपनियां या दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¥‡à¤‚ अगर यह à¤à¥€ लिख दें कि बà¥à¤°à¥à¤œ दà¥à¤¬à¤ˆ बिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग के सिवाय होम डिलीवरी फà¥à¤°à¥€ पायें बलà¥à¤•à¤¿ वहां पर डिलीवरी के अलग अलग मंजिलों के लिठअलग अलग रेट लिखे पायें तो हैरान मत हों। इसे यूं à¤à¥€ कहा जा सकता है कि बाकी जो बचा वो चढ़ाई मार गई।
इस बिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग के बनने से महंगाई को खतरा हो रहा है और यह कहा जाये कि महंगाई तक शरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¥â€à¤¦à¤¾ है तो आप शरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¥â€à¤¦à¤¾ मत महसूस कीजिà¤à¤—ा। परिनà¥â€à¤¦à¥‡ तक वहां पर, पर मारने से बचते हैं कà¥â€à¤¯à¥‹à¤‚कि जहां पर उड़ते परिनà¥â€à¤¦à¥‹à¤‚ के पर गिनना आसान हो जाये, वहां पर कौन परिनà¥â€à¤¦à¤¾ पर मारना चाहेगा। उपर की मंजिलों में रहने वालों को धà¥â€à¤µà¤¨à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण से दो-चार होना होगा कà¥â€à¤¯à¥‹à¤‚कि वहां हवाई जहाजों का शोर होगा जिससे शांतिदेवी तो शरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¥â€à¤¦à¤¾ हो सकती है परनà¥â€à¤¤à¥ कोहरे की मार नहीं होगी। वैसे à¤à¤• धारणा यह à¤à¥€ है कि à¤à¤¸à¥€ बिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग कहीं à¤à¥€ हो, कितनी à¤à¥€ ऊंची हो परनà¥â€à¤¤à¥ à¤à¥à¤°à¤·à¥â€à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° और महंगाई को मात नहीं दे पायेगी।
बचà¥â€à¤šà¥‹à¤‚ के लिठखूब खेल होंगे जब वे खिड़कियों से à¤à¤¾à¤‚केंगे तो बादल खिड़की से नीचे दिखाई दिया करेंगे और वे वहां से रसà¥â€à¤¸à¥€ बालà¥â€à¤Ÿà¥€ से पानी खींचने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ अवशà¥â€à¤¯ करेंगे जिससे अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤•à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¨ जमाने के कà¥à¤‚ओं की याद ताजा हो आयेगी। होली पर बचà¥â€à¤šà¥‡ पिचकारियों को बादलों में डà¥à¤¬à¥‹à¤•à¤° à¤à¤° लेंगे। इतनी ऊंची बिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग के नीचे से नीचे से गà¥à¤œà¤°à¤¨à¥‡ वालों से होली खेलने के लिठखिड़की से बरà¥à¤« की सिलà¥â€à¤²à¥€ फेंकने पर ही नीचे पानी के छींटे ही गिरेंगे। पर यह à¤à¥€ हो सकता है कि होली खेलने के लिठबरà¥à¤« की सिलà¥â€à¤²à¥€ à¤à¤• सपà¥â€à¤¤à¤¾à¤¹ पहले से ही फेंक दी जाये। ऊंचाई की नयी निराली दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ होगी। उपर से नीचे गिरने वाली चीजों के मिलने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ बिलà¥â€à¤•à¥à¤² नहीं होगी। खजूर और ताड़ के वृकà¥à¤· à¤à¥€ अपने को हीनतर महसूस कर रहे होंगे।