और कितनी पार्टियां ?

हे मेरे प्यारे देश वासियो !आज का दिन आजादी के दिन से भी महान है:- क्योंकि आज भाजपा से निष्कासित एक नेता ने अपने जन्मदिन पर ” जनक्रांति दल” की नयी पार्टी बनाई हैi आखिर पहले ही देश में कम पार्टीयाँ थी, और कितनी पार्टियां ? इस पर भगवान कृष्ण का गीता में लिखा “यदा यदा धर्मस्य ” शलोक याद आता है आज के समय में अगर भगवान पार्टी गीता अर्जुन को सुनायी तो श्लोक ऐसा होगा ..हे अर्जुन

” यदा यद् ही पार्टी वरिष्ठ नेता निश्कास्न्म भविष्यति ,
तदा तदा हे देशस्य नाशय नूतन पार्टी उद्भाविश्यती”

हे अर्जुन ! जब जब किसी वरिष्ठ नेता को पार्टी से निकला जायेगा तब तब देश के विनाश के लिए एक नयी पार्टी का उदय होगा क्योंकि उस की कोइ कीमत नहीं रह गयी है i पार्टी उस की पहचान है i नहीं तो वह भारत की मासूम जनता को अपना आशीर्वाद नहीं दे पायगा i इस लिए पार्टी का बनाना जरुरी है i हे अर्जुन अब मैं पार्टी अध्यात्म ज्ञान का वर्णन कर रहा हूँ सुनो पार्टी बनाने का एक और लक्ष्य केंद्रीय मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री की कुर्सी तक पहुँचाना भी है i पार्टियों के नामकरण की तो बात ही निराली है iकुछ अंगरेजी शब्द मिला कर पार्टी को नया नाम कब मिल जाये पता नहीं, पर भारत की पड़ी लिखी निरक्षर जनता अपने विवेक का प्रयोग कम करती है iकुछ व्याकर्निक इस प्रकार से पार्टियों के अर्थ निकालते है जो की पार्टी के इतिहास को इंगित करता i

जैसे कोन+ग्रेस अर्थात जिस मैं कौन (पिता )का पुत्र ग्रेस ले कर कुर्सी संभालता है उसे कौंग्रेस कहते है i जो भारत की गरीब जनता की गरीब पार्टी जो बी जे पी के नाम से जानते हैं बी जे पी से बाजपेयी जी के साथ जो पार्टी अपनी जीत की उम्मीद खतम कर चुकी है वह है i जनता दल और जनता दल युनेइतेद एक है पर समझे कौन ? बसपा का मतलब है कुर्सी को “बस पा ” चाहे कोइ भी तरीका अपनाना पड़े iबहुजन समाज पार्टी का मतलब है की कैसे भी हो समाज मैं से बहुत से जनों को ले कर आओ, ताकि एक समाज लगे और हमारा भी नाम हो क्योंकि:- अभी हम किसी गिनती मैं नहीं है i तृणमूल कांग्रेस का अर्थ है जो केवल कांग्रेस के ही सिधान्तों को मूल से पकड़ रखे i समता और ममता पार्टी मैं क्या अंतर होगा लोकदल लोगो को दल( पिस ) देने वाला ,जनता दल जनता को दल ( पिस )देने वाला क्योंकि दाल तो मिल नहीं रही है i ऐसी हे कितनी पार्टियां ?

और भी बहुत सी पार्टियां बनाने का अभी लक्ष्य होगा iपता नहीं कब ये लोग भारत मैं और कितनी पार्टियों का निर्माण करेंगे और चुनाव आयोग भी लोकतंत्र मैं और पार्टियों को निशान देते देते थक जाएगा .

चुनाव चिन्ह की बात ले लेते हैं “हाथ का साथ “अगर वोट नहीं तो “हाथ से मात “महंगाई से मात i” कमल फूल” जो दिखे सुंदर पर तलाब से निकलते हुए कीचड़ में आदमी का (fool) मुर्ख बन जाये i” हाथी ” जंगली हाथी मेरे साथी “बस वोट दो और हाथी से कुचल दिए जाने का स्वाद लो और पहले हाथी के लिए पार्क जरूरी है iकितना डरावना है ये चिन्ह iहथोडी और दरांती लाल रंग किसी हिंसा का सूचक है जैसे लाल गढ़ मैं हुई iचक्र तो ऐसा चलता है किसी को ट्रेन मैं दिल्ली और किसी को बिहार पहुंचा देता है i
इस प्रकार हे अर्जुन अब भविष्य की बात सुनो भारत मैं पिता पुत्र का कल्याण karne के लिए नयी पार्टी का निर्माण करेंगे , जो लोगो मैं kranti ही kranti karvange , तो लोकतंत्र के जागृत मतदाता जनों “जागो मतदाता जागो ” पार्टी नहीं तो कुछ नहीं “i

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2 Comments

  1. says: neeraj

    of course this parti baaji has ruined india and specially himachal which used to be the best NAIVE STATE.

    AFTER DR PARMAR EVERY ONE CAME TO MAKE IT WORST…

    NOW THEY ARE MAKING N CREATING MORE

  2. says: arun

    भाई साहब आपने तो धो कर रख दिया है बहुत ही बेहतर आलेख है लेकिन क्‍या सियासतदान भी कुछ समझेंगे कि देश को इसी तरह से खाते रहेंगे
    आशा है आगे भी इसी तरह के आलेख देते रहेंगे
    साधुवाद

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